आरोपियों ने बुजुर्ग के साथ बैठकर पी शराब फिर दिया था वारदात को अंजाम
खंडवा- घोड़पछाड़ नदी में चार माह पहले मिली 60 वर्षीय बुजुर्ग प्रहलाद चन्देल की मृत्यु से पहले उस पर चाकू से हमला हुआ था। अधमरा करने के बाद उसे नदी में फेंका गया था। हत्या को अंजाम आरोपी श्रवण पिता लक्ष्मीनारायण (32) निवासी छनेरा और जगदीश उर्फ जग्गा पिता अजराज राजपूत (39) निवासी बोरीबांदरी ने मिलकर दिया। आरोपियों को संदेह था कि प्रहलाद को उनके अवैध संबंधों की बात पता चल गई है। इसलिए उन्होंने प्रहलाद को मौत के घाट उतारने का फैसला किया। मामले में 11 फरवरी को एसपी और एडीशनल एसपी हरसूद थाने पहुंचे थे। जिसके बाद मंगलवार रात को टीआई नलिन बुधौलिया ने आरोपी श्रवण और जगदीश के खिलाफ केस दर्ज किया।
यह है पूरा मामला
29 अक्टूबर 2019 को घोड़ा पछाड़ नदी में 60 वर्षीय पुरुष का शव मिला था। जिसकी शिनाख्त प्रहलाद चन्देल निवासी छनेरा के रुप में हुई थी। पानी में डूबे रहने से शरीर गल गया था। शरीर पर चोट के निशान मिले थे। डॉ. नीलम मिश्रा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट मृत्यु पूर्व होने की संभावना बताई थी। जिसके बाद पुलिस ने मृतक के मोबाइल नंबर सीडीआर की जांच शुरू की। मृतक के मोबाइल पर आए आखिरी कॉल के यूजर पर पुलिस को संदेह हुआ। उक्त नंबर आरोपी जगदीश राजपुत उर्फ जग्गा पिता अजराज राजपुत निवासी बोरीबांदरी का था। पुलिस ने जगदीश से पूछताछ की। इससे पूर्व भी पुलिस ने जगदीश से पूछताछ की थी। पूर्व में दिए गए कथन से काफी विरोधाभासी कथन दिए। जिसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की। तब आरोपी जगदीश ने कहा कि 27 अक्टूबर की सुबह 10.26 से 11.20 बजे के बीच मेरे मोबाइल प्रहलाद को कॉल किया। दोपहर 12 बजे श्रवण, जगदीश और मृतक प्रहलाद थाना चौराह पर मिले थे। तीनों ने बैठकर शराब पी। हत्या की
हत्या की वजह: शंका, चाबी के छल्ले में लगे चाकू से किया था अधमरा
मृतक की हत्या की वजह शंका थी। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि शराब पीने के बाद उसी दिन दोपहर 1 बजे तीनों व्यक्ति बाइक से जगदीश के घर बोरीबांदरी (खेरखेड़ा) पहुंच गए। वहां प्रहलाद को एक बियर पिलाई एवं दोनों ने खुद शराब पीने लगे। इस दौरान मृतक प्रहलाद ने श्रवण से बोला कि तू मेरी नजर से गिर गया। आरोपी श्रवण को शंका हुई कि प्रहलाद को उसके अवैध संबंध का पता चल गया है तो श्रवण ने गुस्से में आकर प्रहलाद को पकड़ धक्का मारा। आरोपी श्रवण ने बाइक के चाबी के छल्ले में लगे चाकू से प्रहलाद के सिर में मारा। जिससे वहां हो गया। अंधेरा होने पर श्रवण और जगदीश ने मृतक प्रहलाद को घोड़ापछाड़ नदी के पुल से दाना बाबा के झंडे के पास से पानी में फेंक दिया। नदी में डूबने से प्रहलाद की मृत्यु हो गई।
साभार- पत्रिका