खण्डवा- टीटीई की सूझबूझ ने बिछड़ी बेटी को माँ से मिलाया


खंडवा - आज दिनांक 7 जनवरी 2020 सुबह 09:20 पर ट्रेन नम्बर 15018 गोरखपुर से चलकर लोकमान्य तिलक टर्मिनस काशी एक्सप्रेस खण्डवा के प्लेटफार्म नंबर एक से रवाना हुई उसी समय एक महिला यात्री रोते हुए दौड़ते हुए ट्रेन में चढ़ गई।
खण्डवा स्टेशन से प्रधान टिकट परीक्षक श्री निलेश कुमार राठौर ड्यूटी पर थे।उन्होंने उस महिला से तुरन्त बातचीत की तब पता चला कि उस महिला का नाम शबाना शेख है और वे अपनी बेटी और सास के साथ फाफामऊ (उत्तरप्रदेश) से कल्याण (महाराष्ट्र) जा रही हैं।
उनके पास सामान्य श्रेणी का टिकट क्रमांक 99179576 फाफामऊ से कल्याण है।पश्चिम मध्य रेलवे के खिरकिया स्टेशन पर उनकी 17 वर्षीय पुत्री हिना शेख पानी लेने उतरी थी और वहीं छूट गई।
इंजिन से दूसरे नम्बर के जनरल डिब्बे (NE 05411)में उसके परिजन बैठे थे।
यह सब सुनते ही श्री निलेश कुमार राठौर ने तुरंत खिरकिया में पदस्थ जीआरपी आरक्षक श्री कैलाश जी को मोबाइल नम्बर 9826820801 पर फोन किया,और उस लड़की का हुलिया बताकर पूछताछ की।
इस बीच उस लड़की की अम्मी मोहतरमा शबाना शेख 182 पर सूचना दें रही थी।
जीआरपी आरक्षक श्री कैलाश को खिरकिया स्टेशन परिसर में उस लड़की के न दिखने पर श्री राठौर ने खिरकिया निवासी नगर सुरक्षा समिति सदस्य श्री गोविंदा नामदेव 
(9098933866) को फोन किया।
श्री गोविंदा जी ने तुरंत खिरकिया स्टेशन के आसपास खोजबीन शुरू की।पता चला कि मध्यप्रदेश पुलिस खिरकिया की 100 डायल टीम को वो लड़की हिना शेख मिली है।श्री गोविंदा ने तुरंत उस लड़की की बात उसकी अम्मी से करवाई।डायल 100 की टीम ने फिर बताया कि लड़की उनके पास सुरक्षित है।और वो अकेले यात्रा नहीं करना चाहती है इसलिए आप खिरकिया आकर उसे ले जाइए।
जनमंच के प्रवक्ता कमल नागपाल के अनुसार ये जानकर ट्रेन में कार्यरत टीटीई ने 100 डायल टीम से बातकर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की।फिर मोहतरमा शबाना शेख को नेपानगर उतरकर पैसेंजर ट्रेन 51187 भुसावल कटनी पैसेंजर से खिरकिया जाने की सलाह दी।
नेपानगर आने पर स्टेशन पर कार्यरत पॉइंट्समेन को उन महिला को पैसेंजर ट्रेन से खिरकिया जाने में सहायता करने को कहा।उनका मोबाइल की बैटरी भी डिस्चार्ज हो रही थी अतः चार्जिंग  की व्यवस्था के लिए भी अनुरोध किया।
अपनी बेटी की सलामती के लिए किए गए त्वरित मदद के लिएमोहतरमा शबाना शेख सहित  सभी उपस्थित यात्रियों ने श्री राठौर की भूरि भूरि प्रशंसा की।जिस तरह उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करके उन्होंने तुरंत कार्यवाही की उससे एक गुम हुई बेटी अपने परिवार के संपर्क में आ पाई।जनमंच ने कहा कि
रेलवे के ऐसे कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों की मानवीय संवेदनाओं के कारण रेल की छवि में चार चाँद लगते हैं।