खंडवा- प्रदेश की जीवनदायनी नर्मदा नदी के तट पर स्थित सिद्ध क्षेत्र सिद्धवरकूट जैन समाज की आस्था का प्रमुख स्थान है। इस क्षेत्र से हजारों की संख्या में जैन मुनि मोक्ष को प्राप्त हुए हैं। भारत वर्ष से पूरे वर्ष भर यहां यात्रियों का आवागमन बना रहता है। क्षेत्र में धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान ओंकारेश्वर से सिद्धवरकूट आने का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। वर्षो से जैन समाज यात्रियों के आवागमन के लिए नवीन पुल का निर्माण की मांग कर रहा है जो इस क्षेत्र के दर्शन के लिए अतिआवश्यक है। उपरोक्त विषय को लेकर सिद्धवरकूट तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अधिकारी एवं सदस्यों ने जिला कलेक्टर खंडवा को ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए ओंकारेश्वर से सिद्धवरकूट के लिए पुल निर्माण करवाने में सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया। समाजसेवी व सिद्धवरकूट सिद्ध क्षेत्र के सदस्य सुनील जैन ने बताया कि कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल को सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि ओंकारेश्वर बांध एवं पावर हाऊस के निर्माण हेतु जो प्राकलन आरसीई रिवाईज कास्ट स्टीमेट तैयार किया गया था उसके अंतर्गत एक डाउन स्ट्रीम ब्रिज का स्पष्ट प्रावधान रखा गया था जिसकी अनुमानित लागत 35 करोड़ रूपए के अंतर्गत पूर्व में ही अनुमोदित है। इसी प्रावधान के अनुपालन में एनएचडीसी द्वारा कई बार प्रस्ताव बनाकर दिए गए किंतु पुल निर्माण को लेकर कोई सार्थक परिणाम प्राप्त नहीं हुए। 2012-13 में एनएचडीसी द्वारा निविदाएं आमंत्रित कर दी गई थी उसके भी परिणाम शून्य रहे। ज्ञात हुआ है कि एनएचडीसी द्वारा प्रत्येक वर्ष बजट में ब्रिज निर्माण हेतु प्रावधान रखा जाता है। परंतु ओंकारेश्वर परियोजना के पूर्ण होने के लगभग 14 वर्ष उपरांत भी परियोजना यह आवश्यक कार्य पूर्ण नहीं कर पाई। उल्लेखित है कि मप्र शासन की ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को जोड़ते हुए प्रस्तावित योजना में भी सुरक्षा की दृष्टि से यह वैकल्पिक मार्ग विशिष्ट भूमिका निभा सकता है। यह भी ज्ञात हुआ कि ओंकारेश्वर बांध की सुरक्षा की दृष्टि से इस ब्रिज का बनना अतिआवश्यक है, ऐसे विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अपनी कई रिपोर्ट में पूर्व में उल्लेखित किया गया है। कलेक्टर महोदया से अनुरोध है कि उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखकर पुल निर्माण में सहयोग प्रदान करें ताकि जैन समाज के हजारों तीर्थ यात्रियों को आवागमन में सुविधा हो। कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री विजय काला, वरिष्ठ ट्रस्टी कैलाशचंद जैन महल वाले, सुनील जैन, वीरेंद्र भटयांण, देवेंद्र सराफ, जड़ावचंद जैन, दिलीप पहाडिय़ा, प्रेमांशु चौधरी, ऋषि गुप्ता, तरुण जैन आदि उपस्थित थे।