खण्डवा-कामनखेड़ा में विस्थापितों के जल सत्याग्रह में शामिल हुए खण्डवा सांसद


हालचाल जानकर सरकार से बात करने का दिया आश्वासन



खंडवा- विगत आठ दिनों से कामनखेड़ा में विस्थापितों द्वारा जलसत्याग्रह किया जा रहा है और सत्याग्रह में शामिल लोगों के पैरों की चमड़ी भी गलने लगी है। लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा उनकी पूछ परख करने नहीं पहुंच रहा है। खंडवा लोकसभा क्षेत्र के सांसद नंदकुमारसिंह चौहान शुक्रवार को सत्याग्रहियों से मिलने पहुंचे और उनके हालचाल जानकर उनसे चर्चा की। कामनखेड़ा में जल सत्याग्रह आज आठवें दिन भी जोर-शोर से जारी रहा। जल सत्याग्रहियों के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट है पर उनका संकल्प पक्का है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक जल नहीं छूटेगा। जल सत्याग्रह के आठवें दिन जल सत्याग्रह पर बैठे नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल ने राज्य सरकार से यह प्रश्न किया है कि ओंकारेश्वर बांध भरने की जल्दबाजी क्या है? क्या कारण है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करते हुए पुनर्वास के पहले ही बांध भरा जा रहा है? उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर बांध से राज्य को बिजली एवं सिंचाई की सुविधा मिलने वाली है, पर वास्तविकता यह है इस दिवाली पर राज्य में बिजली की अधिकतम मांग लगभग 7000 मेगावाट थी जबकि आज मध्यप्रदेश में 21000 मेगावाट बिजली उपलब्ध है। ओम्कारेश्वर बांध की क्षमता 520 मेगावाट है। ऐसे में हमारे प्रदेश में 14000 मेगावाट बिजली अतिरिक्त उपलब्ध है अत: ओंकारेश्वर बांध की 520 मेगावाट की बिजली की तत्काल में हमें कोई आवश्यकता नहीं है।
जहां तक सिंचाई की बात है ओंकारेश्वर बांध के लाभ क्षेत्र में इस साल पिछले 100 सालों की सबसे अधिक बारिश हुई है जो अभी तक जारी है। किसान परेशान है कि कैसे उसके खेतों से पानी बाहर जाए, ऐसे में तत्काल में सिंचाई की भी कोई आवश्यकता नहीं है। इससे साफ होता है कि आने वाले कई महीनों में बिजली सिंचाई की ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है जिसके लिए अभी ओंकारेश्वर बांध भरा जाए।
हमारा स्पष्ट मानना है कि यदि बांध का पानी वापस 193 मीटर पर लाकर पुनर्वास की प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है तो अगले दो माह में संपूर्ण पुनर्वास पूरा हो जाएगा और उसके बाद बांध को चंद घंटों या चंद दिन में भरा जा सकता है।


शुक्रवार को जल सत्याग्रह स्थल पर खंडवा के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान प्रभावितों से मिलने पहुंचे। श्री चौहान को ओंकारेश्वर बांध प्रभावित लगभग 2000 परिवारों के पुनर्वास न होने की संपूर्ण स्थिति से अवगत कराया। साथ ही उन्हें भी बताया कि किस प्रकार बिना पुनर्वास ही 21 अक्टूबर से लगातार पानी भरा जा रहा है जिससे अनेक घर खेत डूब गये है और सैकड़ों एकड़ ज़मीन टापू बन गयी है। श्री चौहान ने जल सत्याग्रह का सम्पूर्ण जल सत्याग्रह एवं विस्थापितों की संपूर्ण मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि वह इन मांगों के संबंध में तत्काल मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे और हुआ तो मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आपकी समस्याओं का निदान भी करवाने की कोशिश करेंगे। विगत कई दिनों से आप लोग पानी में रहकर अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, सरकार की ओर से कोई अधिकारी का न आना इस बात का संकेत है कि सरकार आपकी समस्याओं को दूर नहीं करना चाहती। सांसद श्री चौहान के साथ नरेंद्र सिंह तोमर, श्यामसिंह मौर्य, गोविंदसिंह तोमर, चंद्रमोहन राठौर, भरत पटेल, जीवनसिंह राठौड़, राजेंद्र शिवहरे, देवेंद्रसिंह सोलंकी, संटू दादा सहित कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद थे।