खंडवा-गौसेवा को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सेवा माना गया है। दादाजी की इस नगरी में वर्षो से कार्यरत श्रीगणेश गौशाला प्रदेश की एकमात्र ऐसी गौशाला है जहां कई प्रकार के सेवा के आयाम चल रहे हैं। गौशाला समिति के भूपेन्द्रसिंह चौहान एवं समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि वर्षो से स्थापित इस गौशाला में गौसेवा के साथ ही पक्षी सेवा, मानव सेवा, सामाजिक सेवा, गौग्रास सेवा एवं गौदान सेवा की जा रही है। जहां प्रतिदिन गौमाताओं की सेवा होती है वहीं इस गौशाला के पांडाल में पक्षी सेवा भी निरंतर जारी है। भगवान श्रीकृष्ण अपने जीवनकाल में जिस दिन प्रथम बार नंगे पैर अपने गौवंश को जंगल में चराने के लिए ले गए थे वह तिथि अष्टमी तिथि और तब से अब तक यह त्यौहार गौ-भक्तों द्वारा गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रीगणेश गौशाला खंडवा में परंपरानुसार गोपाष्टमी का पर्व 4 नवंबर सोमवार को धूमधाम से एवं भव्य रूप में मनाया जाएगा। गोपाष्टमी पर प्रात: 9 बजे से गौपूजन के साथ गुड़ एवं लड्डु का गौग्रास कराया जाएगा जो दिनभर चलेगा। साथ ही सायं 7 बजे मातृशक्ति द्वारा 1100 दीपकों से गौमाता एवं भारत माता की आरती की जाएगी साथ ही गोवर्धन पर्वत पूजन, परिक्रमा, छप्पन भोग आरती एवं दर्शन का कार्यक्रम होगा। रात्रि 8 बजे शहर की गरबा टीमों द्वारा गौमाता के सम्मुख गरबों की प्रस्तुति दी जाएगी। गणेश गौशाला के अध्यक्ष ओम मित्तल ने सभी धर्मप्रेमी जनता से गोपाष्टमी पर गौशाला में आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करने का अनुरोध किया है।
श्रीगणेश गौशाला में धूमधाम से मनेगा गोपाष्टमी का पर्व 4 नवंबर को,1100 दीपों से होगी गौमाता एवं भारत माता की आरती