खण्डवा- केन्द्रीय अधिकारियों के अंतर्विभागीय दल ने अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों को देखा


किसानों से चर्चा कर फसल क्षति की ली जानकारी



खण्डवा - खण्डवा जिले में गत दिनों हुई अतिवृष्टि से हुई क्षति के आकलन के लिए भारत सरकार के अधिकारियों के अंतर्विभागीय दल ने मंगलवार को खण्डवा जिले की पुनासा तहसील के विभिन्न ग्रामों का दौरा किया और ग्राम सुलगांव, नेतनगांव, मथेला व करेली ग्रामों में खेतों में जाकर क्षतिग्रस्त फसलों को देखा और किसान से चर्चा कर अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों के कारण किसानों को हुए नुकसान की जानकारी ली। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल, पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह, एसडीएम पुनासा डॉ. ममता खेड़े, उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे। भारत सरकार के अधिकारियों के इस अंतर्विभागीय दल में गृह विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के संयुक्त सचिव श्री एस.के. शाही, वित्त मंत्रालय भारत सरकार के व्यय विभाग के निर्देशक श्री अमरनाथ सिंह एवं ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के सहायक संचालक श्री सुमित गोयल शामिल है। भारत सरकार के अधिकारियों ने ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर परिसर में संचालित विकास कार्यो का भी जायजा लिया।



ग्राम सुलगांव में किसान लखन मालवीय के खेतों में जाकर भारत सरकार के अधिकारियों के दल ने कपास की क्षतिग्रस्त फसल देखी। किसान लखन ने इस दौरान बताया कि वर्षा अधिक होने से उसका उत्पादन तो कम हुआ ही है, साथ ही फसल की गुणवत्ता भी खराब होने से उसे काफी नुकसान हुआ है, क्योंकि बाजार में उसकी फसल का मूल्य काफी कम मिलेगा। लखन ने बताया कि लगातार पानी बरसने से उसने जो कीटनाशक फसलों पर कीटों से रक्षा के लिए छिड़काव किया था वह बह गया, जिससे कपास की फसल में इल्ली व सफेद मक्खी तक के प्रकोप से काफी नुकसान हुआ है। लखन ने बताया कि लगभग 15-20 दिन तक लगातार वर्षा होने से कपास की फसल की जड़े सड़ गई है। कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने इस दौरान भारत सरकार के अधिकारियों को बताया कि लगातार वर्षा होने से किसानों को दो तरफा नुकसान हुआ, जहां एक और किसानों की फसल की गुणवत्ता खराब होने के कारण फसल का मूल्य उन्हें अच्छा नही मिलेगा, वही दूसरी और फसल उत्पादन की मात्रा भी काफी घट गई है।


 
ग्राम मथेला के किसान राजकुमार ने भारत सरकार के अधिकारियों के दल को बताया कि 2 एकड़ क्षेत्र में उसने मक्का लगाया था, जिसमें मात्र 5 से 7 क्विंटल उत्पादन होगा। जबकि इसी खेत में गत वर्ष 50 क्विंटल से अधिक उत्पादन हुआ था। किसान राजकुमार ने इस दौरान अपने सोयाबीन के खेत में भी अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति भारत सरकार के अधिकारियों के दल को दिखाई। उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने इस दौरान बताया कि आर्मीवार्म के प्रकोप के कारण इस बरसात में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। वर्षा के कारण कीटनाशक का प्रभाव शून्य रहा, इससे फसलों को काफी क्षति हुई। 
ग्राम नेतनगांव में किसान राधेश्याम मालवीय के कपास के खेत में भी भारत सरकार के अधिकारियों के दल ने जाकर फसल क्षति का जायजा लिया। राधेश्याम ने बताया कि सफेद मक्खी के प्रकोप से कपास की गुणवत्ता बिल्कुल खराब हो गई है। सफेद मक्खी से निपटने के लिए जो कीटनाशक का छिड़काव 2-3 बार किया था वह बेकार गया, क्योंकि लगातार पानी बरसने के कारण फसलों पर कीटनाशक टिक नही सका। नेतनगांव के ही श्रीराम ने वर्षा के कारण कपास में जड़ सड़न से हुए नुकसान के बारे में भारत सरकार के अधिकारियों के दल को बताया और कहा कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कपास का उत्पादन मात्र 10 प्रतिशत ही हुआ है।  



उपसंचालक कृषि श्री गुप्ता ने इस दौरान बताया कि जिले में खरीफ फसल के दौरान सोयाबीन 188168 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 158193 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई। लगभग 1.12 लाख किसानों की सोयाबीन फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। इसी तरह कपास की फसल 63151 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 58151 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई। लगभग 34745 किसानों की कपास फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। मक्का की फसल 34123 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 25566 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई। लगभग 20411 किसानों की मक्का फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। मूंग, उड़द इत्यादि की फसल 25192 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जिसमें से अतिवर्षा के कारण 13409 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई। लगभग 9413 किसानों की मूंग,उड़द इत्यादि फसल अतिवर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई है।