जल सत्याग्रह का सातवां दिन-जल सत्यगृहियों के स्वास्थ्य में गिरावट, एक और गांव की बिजली काटी



खण्डवा- नर्मदा जल सत्याग्रह के का आज सातवां दिन है ओंकारेश्वर बांध प्रभावित सातवें दिन भी अपने संपूर्ण संकल्प के साथ पानी में डटे हुए हैं। ओंकारेश्वर बांध प्रभावितों की समस्त मांगों के संदर्भ में नर्मदा बचाओ आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता सुश्री चित्तरूपा पालित ने कल देर शाम नर्मदा मंत्री श्री सुरेंद्र सिंह बघेल के साथ मुलाकात की और उनको संपूर्ण स्थिति से अवगत कराया।  सुश्री पालित ने मंत्री श्री बघेल को बताया कि 2 मीटर पानी बढ़ने से किस प्रकार अनेक घरों में पानी भर गया है गांव के रास्ते कट गए और सैकड़ों एकड़ जमीन टापू बन गई है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी भी लगभग दो हजार प्रभावितों का पुनर्वास नीति, राज्य सरकार के आदेशों एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार पुनर्वास मिलना बाकी है। उन्होंने श्री बघेल से आग्रह किया कि बांध का जलस्तर घटाया जाए और तेजी से सभी प्रभावितों का पुनर्वास किया जाए। समस्या के समाधान हेतु मंत्री श्री बघेल ने  के निर्देश पर सुश्री अधिकारियों के साथ आज बैठक  हुई है और समाधान होने तक बैठकों का दौर जारी रहेगा।



जल सत्याग्रह के स्वास्थ्य में गिरावट


जल सत्याग्रह के सातवें दिन सभी जल सत्याग्रहियों के स्वास्थ्य स्वास्थ्य में गिरावट आती जा रही है सत्याग्रहियों को मुख्यतः बुखार व खुजली की शिकायत है और उनके पैरों की चमड़ी खराब होना प्रारंभ हो गई है। स्वास्थ्य में गिरावट के बावजूद सभी सत्याग्रहियों का संकल्प का है कि जब तक ओम्कारेश्वर बांध प्रभावितों के सभी अधिकार प्राप्त नहीं हो जाते तब तक उनका सत्याग्रह जारी रहेगा चाहे उनका संपूर्ण शरीर क्यों लगाई जाए गल जाए।


एक और गांव की बिजली काटी


ग्राम घोघलगांव के बाद एक और गांव एखण्ड की बिजली काट दी गयी है। उल्लेखनीय है कि ग्राम घोघलगांव की बिजली की 8 दिन पहले बिजली काट दी गयी थी जिससे अंधेरे के साथ उनकी पानी की व्यवस्था भी ठप्प हो गयी है। अब एखण्ड गांव जहां के तमाम विस्थापितों का पुनर्वास होना बाकी है उसकी भी बिजली काट दी है। यह वही गांव है जहां कल विस्थापित दशरथ पिता चैना की मकान तोड़ते समय पानी मे डूबने से मौत हो गयी थी।


जल सत्याग्रह कर रहे नर्मदा आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल ने बिजली काटने की करवाई की निंदा करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश को बिजली देने वाली परियोजना से होने वाले प्रभावितों की ही बिजली काटी जा रही है। अपना सर्वस्व त्याग करने वाले पर प्रभावितों के जीवन मे भी अंधेरा किया जा रहा है और घर मे भी। सत्याग्रह के समर्थन में सत्याग्रह स्थल पर महिलाओं पुरुषों का बड़ी संख्या में संख्या में आना जारी है।